Myths Vs Facts: हार्ट फेल होने पर दिल धड़कना बंद कर देता है? आइए जानें क्या है पूर सच
आजकल खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण दिल से जुड़ी गंभीर बीमारी के केसेस काफी ज्यादा संख्या में सामने आ रहे हैं. आज हम इस बारे में विस्तार से बात करेंगे कि हार्ट फेल होने पर दिल धड़कना पूरी तरह से बंद हो जाता है? दरअसल, अक्सर लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर दोनों को लेकर कनफ्यूज रहते हैं.
Myths Vs Facts: हार्ट फेलियर और कार्डियक अरेस्ट होने पर क्या होता है?
जब भी किसी व्यक्ति का हार्ट फेलियर होता है तो उसमें दिल काम करता रहता है लेकिन हार्ट ब्लड को ठीक से पंप नहीं कर पाता है जितना उसे करना चाहिए. ऐसी स्थिति में उसे सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, पैरों औट टखनों में सूजन, लगातार खांसी और घरघराहट शुरू हो जाती है. वहीं कार्डियक अरेस्ट के दौरान दिल अचानक से धड़कना ही बंद हो जाता है जिसके कारण व्यक्ति कुछ बोल भी नहीं पाता और सांस लेना बंद कर देता है.
हार्ट फेलियर का मतलब यह नहीं है कि दिल ने धड़कना बंद कर दिया है. हार्ट फेलियर एक गंभीर स्थिति है जो तब होती है जब हृदय शरीर के दूसरे अंगों तक पर्याप्त खून और ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाती है. हृदय काम करना जारी रखता है, लेकिन यह उतना प्रभावी नहीं होता. अचानक कार्डियक अरेस्ट (SCA) एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है. जब ऐसा होता है, तो मस्तिष्क और दूसरे अंगों में ब्लड का फ्लो रुक जाता है. यदि इसका इलाज समय रहते नहीं किया जाता है, तो SCA आमतौर पर कुछ ही मिनटों में मृत्यु का कारण बनता है. लेकिन डिफिब्रिलेटर के साथ तुरंत इलाज जिंदगी बचा सकती है.
कार्डिए अरेस्ट और हार्ट अटैक में काफी अंतर होता है. जब हार्ट में खून नहीं पहुंचता तब हार्ट अटैक आता है लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में हार्ट अचानक से ही काम करना बंद कर देता है. 2. जब आर्टिरीज में ब्लड फ्लो रुक जाता है या खत्म हो जाता है, तब ऑक्सीजन की कमी से हार्ट का वह भाग डेड होने लगता है. वहीं, दूसरी तरफ कार्डिएक अरेस्ट में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है. ऐसा होने पर कुछ भी हो सकता है.
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण 1.कार्डिएक अरेस्ट में बिल्कुल भी लक्षण नहीं दिखाई देता है, ये हमेशा अचानक से ही आता है. 2. मरीज जब भी गिरता है तो कार्डिएक अरेस्ट की वजह से ही गिरता है, इसे पहचानने के कई तरीके हैं. 3. जब भी मरीज गिरता है, तब उसकी पीठ और कंधों को थपथपाने के बाद कोई रिएक्शन नहीं मिलता है. 4. मरीज की दिल की धड़कन अचानक से काफी तेज हो जाता है और वह नॉर्मल सांस नहीं ले पाता है. 5. पल्स और ब्लड प्रेशर रूक जाता है. 6. ऐसी स्थिति में दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों में खून नहीं पहुंच पाता है.
कार्डिएक अरेस्ट या हार्ट अटैक कौन ज्यादा खतरनाक अगर दोनों में से ज्यादा खतरनाक की बात की जाए तो वह कार्डिएक अरेस्ट है. क्योंकि इसमें किसी तरह का लक्षण दिखाई नहीं देता है. जबकि हार्ट अटैक का संकेत 48 से लेकर 24 घंटे पहले ही मिलने लगता है. हार्ट अटैक में मरीज को संभलने और जान बचाने का मौका मिलता है. जबकि कार्डिएक अरेस्ट में कोई मौका नहीं मिलता है.
कार्डिएक अरेस्ट से बचने इन बातों का रखें ख्याल 1. रोजाना एक घंटे फिजिकल एक्टिविटीज करें और वजन न बढ़ने दें. 2. कार्डियो एक्सरसाज करें, जैसे- साइकिलिंग, जॉगिंग या क्रिकेट, बैडमिंटन और फुटबालॅ खेलें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
<p style="text-align: justify;">आजकल खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण दिल से जुड़ी गंभीर बीमारी के केसेस काफी ज्यादा संख्या में सामने आ रहे हैं. आज हम इस बारे में विस्तार से बात करेंगे कि हार्ट फेल होने पर दिल धड़कना पूरी तरह से बंद हो जाता है? दरअसल, अक्सर लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर दोनों को लेकर कनफ्यूज रहते हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>Myths Vs Facts: हार्ट फेलियर और कार्डियक अरेस्ट होने पर क्या होता है?</strong></p> <p style="text-align: justify;">जब भी किसी व्यक्ति का हार्ट फेलियर होता है तो उसमें दिल काम करता रहता है लेकिन हार्ट ब्लड को ठीक से पंप नहीं कर पाता है जितना उसे करना चाहिए. ऐसी स्थिति में उसे सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, पैरों औट टखनों में सूजन, लगातार खांसी और घरघराहट शुरू हो जाती है. वहीं कार्डियक अरेस्ट के दौरान दिल अचानक से धड़कना ही बंद हो जाता है जिसके कारण व्यक्ति कुछ बोल भी नहीं पाता और सांस लेना बंद कर देता है. </p> <p style="text-align: justify;">हार्ट फेलियर का मतलब यह नहीं है कि दिल ने धड़कना बंद कर दिया है. हार्ट फेलियर एक गंभीर स्थिति है जो तब होती है जब हृदय शरीर के दूसरे अंगों तक पर्याप्त खून और ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाती है. हृदय काम करना जारी रखता है, लेकिन यह उतना प्रभावी नहीं होता. अचानक कार्डियक अरेस्ट (SCA) एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है. जब ऐसा होता है, तो मस्तिष्क और दूसरे अंगों में ब्लड का फ्लो रुक जाता है. यदि इसका इलाज समय रहते नहीं किया जाता है, तो SCA आमतौर पर कुछ ही मिनटों में मृत्यु का कारण बनता है. लेकिन डिफिब्रिलेटर के साथ तुरंत इलाज जिंदगी बचा सकती है. </p> <p style="text-align: justify;">कार्डिए अरेस्ट और हार्ट अटैक में काफी अंतर होता है. जब हार्ट में खून नहीं पहुंचता तब हार्ट अटैक आता है लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में हार्ट अचानक से ही काम करना बंद कर देता है.<br />2. जब आर्टिरीज में ब्लड फ्लो रुक जाता है या खत्म हो जाता है, तब ऑक्सीजन की कमी से हार्ट का वह भाग डेड होने लगता है. वहीं, दूसरी तरफ कार्डिएक अरेस्ट में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है. ऐसा होने पर कुछ भी हो सकता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कार्डियक अरेस्ट के लक्षण</strong><br />1.कार्डिएक अरेस्ट में बिल्कुल भी लक्षण नहीं दिखाई देता है, ये हमेशा अचानक से ही आता है.<br />2. मरीज जब भी गिरता है तो कार्डिएक अरेस्ट की वजह से ही गिरता है, इसे पहचानने के कई तरीके हैं.<br />3. जब भी मरीज गिरता है, तब उसकी पीठ और कंधों को थपथपाने के बाद कोई रिएक्शन नहीं मिलता है.<br />4. मरीज की दिल की धड़कन अचानक से काफी तेज हो जाता है और वह नॉर्मल सांस नहीं ले पाता है. <br />5. पल्स और ब्लड प्रेशर रूक जाता है.<br />6. ऐसी स्थिति में दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों में खून नहीं पहुंच पाता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें: <a title="दोस्त हो आसपास तो दूर होगा हर गम, यारी आपसे दूर करेगी हर बीमारी, जानें क्या कहती है रिसर्च" href="https://ift.tt/nsOEadj" target="_blank" rel="noopener">दोस्त हो आसपास तो दूर होगा हर गम, यारी आपसे दूर करेगी हर बीमारी, जानें क्या कहती है रिसर्च</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>कार्डिएक अरेस्ट या हार्ट अटैक कौन ज्यादा खतरनाक</strong><br />अगर दोनों में से ज्यादा खतरनाक की बात की जाए तो वह कार्डिएक अरेस्ट है. क्योंकि इसमें किसी तरह का लक्षण दिखाई नहीं देता है. जबकि हार्ट अटैक का संकेत 48 से लेकर 24 घंटे पहले ही मिलने लगता है. हार्ट अटैक में मरीज को संभलने और जान बचाने का मौका मिलता है. जबकि कार्डिएक अरेस्ट में कोई मौका नहीं मिलता है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें : </strong><a href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/health-tips-astronaut-sunita-williams-weight-continuously-decreasing-in-space-know-how-dangerous-it-is-2837508/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp"><strong>स्पेस में लगातार कम हो रहा है सुनीता विलियम्स का वजन, जानें अचानक वेट लॉस कितना खतरनाक</strong></a></p> <p style="text-align: justify;"><strong>कार्डिएक अरेस्ट से बचने इन बातों का रखें ख्याल</strong><br />1. रोजाना एक घंटे फिजिकल एक्टिविटीज करें और वजन न बढ़ने दें.<br />2. कार्डियो एक्सरसाज करें, जैसे- साइकिलिंग, जॉगिंग या क्रिकेट, बैडमिंटन और फुटबालॅ खेलें.</p> <p dir="ltr" style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p> <p dir="ltr" style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें : <a title="नींद के लिए खा रहे हैं गोलियां, तुरंत छोड़ दें वरना किडनी-लिवर से हाथ धो बैठेंगे" href="https://ift.tt/AkpTivE" target="_blank" rel="noopener">नींद के लिए खा रहे हैं गोलियां, तुरंत छोड़ दें वरना किडनी-लिवर से हाथ धो बैठेंगे</a></strong></p>
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मधुमेह में मखाना आप कई तरह से खा सकते हैं. लेकिन सबसे हेल्दी तरीका है कि इसे नाश्ते के समय दूध में भिगो दें और फिर आधे घंटे बाद खा लें. इसके अलावा आप इसे नाश्ते के तौर पर या इसकी खिचड़ी बनाकर भी खा सकते हैं. डायबिटीज के मरीजों को हर दिन सिर्फ 2 से 3 मुट्ठी यानी करीब 30 ग्राम मखाना ही खाना चाहिए. ऐसा करने से शुगर स्पाइक्स को रोकने और फिर डायबिटीज को मैनेज करने में मदद मिल सकती है. इस तरह इसका सेवन डायबिटीज में शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है.इसलिए अगर आपको मधुमेह है तो इस ड्राई फ्रूट को अपने आहार में जरूर शामिल करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.