सर्दियों में 60 से अधिक उम्र वाले लोगों को किन कारणों से पेशाब करने में होती है दिक्कत? जानें क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट सर्दियों में 60 से अधिक उम्र वाले लोगों को किन कारणों से पेशाब करने में होती है दिक्कत? जानें क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट https://ift.tt/atUyG5p पेशाब के रंग से पता चल जाता है लिवर कैंसर, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे इग्नोर?

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सर्दियों में ऐसे अपने दिन का खयाल रखें हार्ट के मरीज, ये वक्त होता है सबसे ज्यादा खतरनाक ठंड के दिनों में शरीर को गर्म रखना बेहद जरूरी होता है. इसलिए शरीर को गर्म रखने के लि सही टेंपरेटर का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है. सर्दियों के दिनों में कम सोना, पानी न पीना, ज्यादा खाना खा लेने या गलत आदतों के कारणों हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ता है. सर्दी हो या गर्मी आपको अपने खानपान और लाफस्टाइल का खास ख्याल जरूर रखना चाहिए. जैसा कि आपको पता है हार्ट का काम है हमारे शरीर के ब्लड के पंप करना. अगर आप सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटी कम कर देंगे तो आपकी सेहत पर इसका बुरा असर साफ दिखाई देगा. हार्ट के मरीज इस समय रहें ज्यादा सतर्क हार्ट के मरीज सुबह 6 से 10 बजे के बीच अपने दिल का रखे खास ख्याल. सही वक्त पर डाइट लें. खानपान और लाइफस्टाइल एकदम अच्छी रखें. सर्दियों में ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगते हैं. जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है. इसके कारण हार्ट पर दबाव पड़ने लगता है. हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और दिल का दौरा पड़ने की आशंका रहती है. 45 साल की उम्र के बाद पुरुषों और 55 साल की उम्र के बाद महिलाओं को हार्ट अटैक का खतरा रहता है. यह भी पढ़ें : स्पेस में लगातार कम हो रहा है सुनीता विलियम्स का वजन, जानें अचानक वेट लॉस कितना खतरनाक हार्ट मरीज को सुबह के वक्त अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होने के पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं. सबसे पहले, जब हम सोकर उठते हैं, तब हमारे शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. कोर्टिसोल, जिसे 'स्ट्रेस हार्मोन' भी कहा जाता है, रक्तचाप को बढ़ाता है और हृदय को अधिक मेहनत करने के लिए मजबूर करता है. ये भी पढ़ें: इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं एक्टर राम कपूर, नहीं है इसका कोई इलाज इसके अलावा, सुबह के समय शरीर की आंतरिक घड़ी, या सर्कैडियन रिदम, भी हार्ट अटैक के खतरे को प्रभावित करती है. इस समय ब्लड प्रेशर स्वाभाविक रूप से बढ़ता है, और रक्त वाहिकाएं अधिक संकुचित होती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है. साथ ही, सुबह के समय रक्त में फाइब्रिनोजेन नामक प्रोटीन का स्तर भी उच्च होता है, जो रक्त को गाढ़ा बनाता है और थक्के बनने की संभावना को बढ़ाता है. इन सभी कारकों का मिलकर असर होता है, जिससे सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. ये भी पढ़ें: सिर्फ एक सिगरेट पीने से खत्म हो जाते हैं जिंदगी के इतने मिनट, चेन स्मोकर्स को डराने वाली स्टडी आ गई सामने https://ift.tt/HCrB9jV आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है आंत में हुआ इंफेक्शन, जान लीजिए लक्षण
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Norovirus Outbreak: सर्दियों में होने वाली आम बीमारी के बारे में शायद ही ये बात आप जानते होंगे सी.डी.सी. की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर के पहले सप्ताह में नोरोवायरस के 91 मामले सामने आए थे. नोरोवायरस एक ऐसी बीमारी है जो बहुत तेजी से फैलती है. सर्दियों में होने वाली इस बीमारी के बारे में अधिक जानने के लिए इस आर्टिकल को विस्तार से पढ़ें. 'सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन' (सीडीसी) के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका के कई हिस्सों में नोरोवायरस के मामले सामने आए हैं. सीडीसी के मुताबिक दिसंबर के पहले सप्ताह में नोरोवायरस के 91 मामले सामने आए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाल के वर्षों में दर्ज किए गए मामलों की यह सबसे अधिक संख्या है. वैसे तो नोरोवायरस के मामले पूरे साल रिपोर्ट किए जाते हैं, लेकिन नवंबर से अप्रैल के बीच यह बीमारी आम हो जाती है. नोरोवायरस की बीमारी क्या है? नोरोवायरस एक ऐसी बीमारी है जो काफी तेजी से फैलती है. इस बीमारी के शुरुआती लक्षण गंभीर उल्टी और दस्त होते हैं. क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, नोरोवायरस का पहला प्रकोप 1968 में ओहियो के नॉरवॉक में एक स्कूल में हुआ था. यही कारण है कि नोरोवायरस के पहले स्ट्रेन को नॉरवॉक वायरस के रूप में जाना जाता था. नोरोवायरस गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बन सकता है और वायरस नोरोवायरस संक्रमण वाले व्यक्ति के साथ निकट संपर्क के माध्यम से फैल सकता है. मेयो क्लिनिक के अनुसार अधिकांश लोग बिना उपचार के पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं. हालांकि, कुछ लोगों के लिए विशेष रूप से छोटे बच्चों, वृद्ध वयस्कों और उल्टी और दस्त जैसी अन्य चिकित्सा स्थितियों वाले लोगों के लिए गंभीर रूप से निर्जलीकरण हो सकता है और उन्हें चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है. नोरोवायरस के लक्षण क्या हैं? नोरोवायरस के कुछ सामान्य लक्षण दस्त, पेट दर्द और उल्टी हैं. ये लक्षण संपर्क के 2 से 48 घंटे बाद दिखाई देने लगते हैं और लगभग 1 से 3 दिनों तक रह सकते हैं. मेयो क्लिनिक के अनुसार, यहाँ नोरोवायरस के कुछ लक्षण दिए गए हैं.जी मिचलानाउल्टीपेट में दर्द या ऐंठनपानी जैसा या ढीला दस्तबीमार महसूस होनाहल्का बुखारमांसपेशियों में दर्द.ठीक होने के बाद भी कई हफ़्तों तक आपके मल में वायरस निकलता रह सकता है. यह बहाव हफ़्तों से लेकर महीनों तक रह सकता है. नोरोवायरस के कारण क्या हैं?क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, कैलिसिविरिडे परिवार का एक वायरस नोरोवायरस का कारण बनता है। जब वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है, तो यह आपके पेट और आंतों में सूजन या सूजन पैदा करता है। इसे गैस्ट्रोएंटेराइटिस के रूप में जाना जाता है जो अंततः नोरोवायरस के अन्य लक्षणों का कारण बनता है. आपको नोरोवायरस संक्रमण हो सकता है यदि आप.गंदा खाना अगर आप खाते हैं तो नोरोवायरस हो सकते हैं. ये भी पढ़ें: मेघन मार्कल की तरह चाहिए टोंड बॉडी तो रोजाना खाएं ये खास चीज, दिखने लगेगा असर दूषित पानी पीते हैं अपने हाथ को दूषित सतह या वस्तु के संपर्क में आने के बाद अपने मुंह से छूते हैं किसी ऐसे व्यक्ति के निकट संपर्क में रहते हैं जिसे संक्रमण है. ये भी पढ़ें: महिलाओं की फर्टिलिटी रेट बढ़ाने में मदद करता है चंद्र नमस्कार, जानें फायदे नोरोवायरस के लिए निवारक उपाय क्या हैं? नोरोवायरस संक्रमण को रोकने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं: अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. ये भी पढ़ें: यूरिक एसिड की समस्या जड़ से हो जाएगी खत्म, रोज की डाइट में शामिल कर लें ये चीज https://ift.tt/Pgkv4f5 क्या हल्दी वाला दूध पीने के हो सकते हैं नुकसान? जान लीजिए वायरल दावे का सच