सर्दियों में खजूर खाने से मिलते हैं कमाल के हेल्थ बेनिफिट्स, जानें एक दिन में कब और कितना खाना चाहिए
सर्दियों में सेहत को लेकर थोड़ी सी भी लापरवाही आपको बीमार कर सकती है. इस मौसम में खुद को स्वस्थ और फिट रखने के लिए अपनी डाइट में खजूर को शामिल करें. इस ड्राई फ्रूट को सर्दियों का ड्राई फ्रूट इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. इसे खाने से रक्त संचार बढ़ता है और दिल और दिमाग को भी ताकत मिलती है. तो आइए जानते हैं इस मौसम में इसे खाने से सेहत को क्या-क्या फायदे होते हैं और एक दिन में इसे कितना खाना चाहिए.
खजूर इन समस्याओं में फायदेमंद है:
गट हेल्थ: खजूर खाने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है क्योंकि इसमें घुलनशील फाइबर भरपूर मात्रा में होता है और इसमें अमीनो एसिड भी पाया जाता है.
खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है: खजूर में पोटैशियम की मात्रा अधिक और सोडियम की मात्रा कम होने के कारण यह शरीर के तंत्रिका तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होता है. खजूर शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम रखकर आपके दिल की सेहत की भी रक्षा करता है.
एनर्जी से भरपूर: खजूर में शरीर को ऊर्जा प्रदान करने की अद्भुत क्षमता होती है. इसमें ग्लूकोज और सुक्रोज जैसी प्राकृतिक शर्कराएं भरपूर मात्रा में होती हैं. अगर आप खजूर को दूध के साथ लेंगे तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा.
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गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद: खजूर गर्भवती महिलाओं को होने वाली कई तरह की समस्याओं से राहत दिलाता है. यह रक्तस्राव को कम करता है.
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वजन घटाएं: अगर आप वजन बढ़ने से परेशान हैं तो खजूर खाएं, क्योंकि इसमें मौजूद तत्व वजन बढ़ाने में मददगार होते हैं. शराब पीने से शरीर को होने वाले नुकसान से बचने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद: खजूर गर्भवती महिलाओं को होने वाली कई तरह की समस्याओं से राहत दिलाता है. यह रक्तस्राव को कम करता है.
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वजन घटाएं: अगर आप वजन बढ़ने से परेशान हैं तो खजूर खाएं, क्योंकि इसमें मौजूद तत्व वजन बढ़ाने में मददगार होते हैं. शराब पीने से शरीर को होने वाले नुकसान से बचने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: दिल्ली-एनसीआर के लोग इन दिनों दोहरी मार झेल रहे हैं. एक तो कड़ाके की ठंड और ऊपर से प्रदूषण का जहर, दिल्ली एक बार फिर गैस चैंबर बन गई है जहां एक्यूआई 450 से ऊपर है. ऐसे में लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है. सर्दी के कारण सेहत खराब हो रही है और ठंड के साथ प्रदूषण का मिलन और भी खतरनाक हो गया है. ताजा शोध बताते हैं कि प्रदूषण के कारण नसों में खून के थक्के जमने का खतरा 100 फीसदी बढ़ जाता है.
नसों में खून के थक्के जमने का मतलब है हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक. इसीलिए डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर साल ब्रेन स्ट्रोक से होने वाली 50 लाख मौतों के लिए भी प्रदूषण काफी हद तक जिम्मेदार है. इतना ही नहीं लगातार प्रदूषण में सांस लेने से मानसिक रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है. जिन लोगों को शुगर-बीपी की समस्या है या कोमॉर्बिड हैं, उन्हें ज्यादा अलर्ट रहना होगा हालात को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप का यह खतरनाक मेल हृदय रोग के खतरे को कई गुना बढ़ा देग.। ऐसे में आइए स्वामी रामदेव से जानते हैं कि हम ठंड और प्रदूषण के असर को कैसे कम कर सकते हैं और साथ ही शुगर और बीपी को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं.
जहरीली हवा से बचें
हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण सांस से फेफड़ों में, फेफड़ों से खून में, खून से पूरे शरीर में और फिर सभी अंगों में पहुंचकर नुकसान पहुंचाते हैं। इससे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. प्रदूषण से फेफड़ों, आंखों और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है.
एलर्जी का सबसे बढ़िया इलाज
जिन लोगों को एलर्जी की समस्या है, उन्हें 100 ग्राम बादाम, 20 ग्राम काली मिर्च और 50 ग्राम चीनी मिलानी चाहिए. अब इस पाउडर का 1 चम्मच 1 गिलास दूध में डालकर उबालें. इस दूध को दिन में कम से कम एक बार पिएं.
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फेफड़ों को स्वस्थ बनाने का अचूक उपाय
सर्दी, प्रदूषण और कोहरे के तिहरे हमले से निपटने के लिए रोजाना दूध में कच्ची हल्दी पकाकर पिएं. इस दूध में थोड़ा सा शिलाजीत भी मिला लें. इस दूध को पीने से फेफड़े स्वस्थ रहेंगे और आप सर्दियों में स्वस्थ रहेंगे. इसके अलावा बेसन की रोटी, मुलेठी और भुने चने जरूर खाएं. फेफड़े मजबूत होंगे प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है. फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए श्वासारि क्वाथ पिएं.
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इसके अलावा आप मुलेठी को उबालकर पी सकते हैं. रोजाना मसाला चाय पीना भी फायदेमंद रहेगा. गले की एलर्जी से राहत पाने के उपाय जिन लोगों को गले की एलर्जी की समस्या है उन्हें नमक के पानी से गरारे करने चाहिए. इसके अलावा बादाम के तेल से नस्यम करें. मुलेठी खाने से गले को आराम मिलता है और एलर्जी की समस्या दूर होती है. इसके अलावा सोते समय तलवों पर गर्म सरसों का तेल लगाएं, इससे आराम मिलेगा. साथ ही नाभि में सरसों का तेल डालें. नाक में सरसों का तेल डालने से भी आराम मिलेगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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नसों में खून के थक्के जमने का मतलब है हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक. इसीलिए डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर साल ब्रेन स्ट्रोक से होने वाली 50 लाख मौतों के लिए भी प्रदूषण काफी हद तक जिम्मेदार है. इतना ही नहीं लगातार प्रदूषण में सांस लेने से मानसिक रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है. जिन लोगों को शुगर-बीपी की समस्या है या कोमॉर्बिड हैं, उन्हें ज्यादा अलर्ट रहना होगा हालात को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप का यह खतरनाक मेल हृदय रोग के खतरे को कई गुना बढ़ा देग.। ऐसे में आइए स्वामी रामदेव से जानते हैं कि हम ठंड और प्रदूषण के असर को कैसे कम कर सकते हैं और साथ ही शुगर और बीपी को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं.
जहरीली हवा से बचें
हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण सांस से फेफड़ों में, फेफड़ों से खून में, खून से पूरे शरीर में और फिर सभी अंगों में पहुंचकर नुकसान पहुंचाते हैं। इससे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. प्रदूषण से फेफड़ों, आंखों और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है.
एलर्जी का सबसे बढ़िया इलाज
जिन लोगों को एलर्जी की समस्या है, उन्हें 100 ग्राम बादाम, 20 ग्राम काली मिर्च और 50 ग्राम चीनी मिलानी चाहिए. अब इस पाउडर का 1 चम्मच 1 गिलास दूध में डालकर उबालें. इस दूध को दिन में कम से कम एक बार पिएं.
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फेफड़ों को स्वस्थ बनाने का अचूक उपाय
सर्दी, प्रदूषण और कोहरे के तिहरे हमले से निपटने के लिए रोजाना दूध में कच्ची हल्दी पकाकर पिएं. इस दूध में थोड़ा सा शिलाजीत भी मिला लें. इस दूध को पीने से फेफड़े स्वस्थ रहेंगे और आप सर्दियों में स्वस्थ रहेंगे. इसके अलावा बेसन की रोटी, मुलेठी और भुने चने जरूर खाएं. फेफड़े मजबूत होंगे प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है. फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए श्वासारि क्वाथ पिएं.
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इसके अलावा आप मुलेठी को उबालकर पी सकते हैं. रोजाना मसाला चाय पीना भी फायदेमंद रहेगा. गले की एलर्जी से राहत पाने के उपाय जिन लोगों को गले की एलर्जी की समस्या है उन्हें नमक के पानी से गरारे करने चाहिए. इसके अलावा बादाम के तेल से नस्यम करें. मुलेठी खाने से गले को आराम मिलता है और एलर्जी की समस्या दूर होती है. इसके अलावा सोते समय तलवों पर गर्म सरसों का तेल लगाएं, इससे आराम मिलेगा. साथ ही नाभि में सरसों का तेल डालें. नाक में सरसों का तेल डालने से भी आराम मिलेगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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नसों में खून के थक्के जमने का मतलब है हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक. इसीलिए डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर साल ब्रेन स्ट्रोक से होने वाली 50 लाख मौतों के लिए भी प्रदूषण काफी हद तक जिम्मेदार है. इतना ही नहीं लगातार प्रदूषण में सांस लेने से मानसिक रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है. जिन लोगों को शुगर-बीपी की समस्या है या कोमॉर्बिड हैं, उन्हें ज्यादा अलर्ट रहना होगा हालात को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप का यह खतरनाक मेल हृदय रोग के खतरे को कई गुना बढ़ा देग.। ऐसे में आइए स्वामी रामदेव से जानते हैं कि हम ठंड और प्रदूषण के असर को कैसे कम कर सकते हैं और साथ ही शुगर और बीपी को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं.
जहरीली हवा से बचें
हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण सांस से फेफड़ों में, फेफड़ों से खून में, खून से पूरे शरीर में और फिर सभी अंगों में पहुंचकर नुकसान पहुंचाते हैं। इससे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. प्रदूषण से फेफड़ों, आंखों और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है.
एलर्जी का सबसे बढ़िया इलाज
जिन लोगों को एलर्जी की समस्या है, उन्हें 100 ग्राम बादाम, 20 ग्राम काली मिर्च और 50 ग्राम चीनी मिलानी चाहिए. अब इस पाउडर का 1 चम्मच 1 गिलास दूध में डालकर उबालें. इस दूध को दिन में कम से कम एक बार पिएं.
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फेफड़ों को स्वस्थ बनाने का अचूक उपाय
सर्दी, प्रदूषण और कोहरे के तिहरे हमले से निपटने के लिए रोजाना दूध में कच्ची हल्दी पकाकर पिएं. इस दूध में थोड़ा सा शिलाजीत भी मिला लें. इस दूध को पीने से फेफड़े स्वस्थ रहेंगे और आप सर्दियों में स्वस्थ रहेंगे. इसके अलावा बेसन की रोटी, मुलेठी और भुने चने जरूर खाएं. फेफड़े मजबूत होंगे प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है. फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए श्वासारि क्वाथ पिएं.
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इसके अलावा आप मुलेठी को उबालकर पी सकते हैं. रोजाना मसाला चाय पीना भी फायदेमंद रहेगा. गले की एलर्जी से राहत पाने के उपाय जिन लोगों को गले की एलर्जी की समस्या है उन्हें नमक के पानी से गरारे करने चाहिए. इसके अलावा बादाम के तेल से नस्यम करें. मुलेठी खाने से गले को आराम मिलता है और एलर्जी की समस्या दूर होती है. इसके अलावा सोते समय तलवों पर गर्म सरसों का तेल लगाएं, इससे आराम मिलेगा. साथ ही नाभि में सरसों का तेल डालें. नाक में सरसों का तेल डालने से भी आराम मिलेगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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नसों में खून के थक्के जमने का मतलब है हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक. इसीलिए डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर साल ब्रेन स्ट्रोक से होने वाली 50 लाख मौतों के लिए भी प्रदूषण काफी हद तक जिम्मेदार है. इतना ही नहीं लगातार प्रदूषण में सांस लेने से मानसिक रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है. जिन लोगों को शुगर-बीपी की समस्या है या कोमॉर्बिड हैं, उन्हें ज्यादा अलर्ट रहना होगा हालात को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप का यह खतरनाक मेल हृदय रोग के खतरे को कई गुना बढ़ा देग.। ऐसे में आइए स्वामी रामदेव से जानते हैं कि हम ठंड और प्रदूषण के असर को कैसे कम कर सकते हैं और साथ ही शुगर और बीपी को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं.
जहरीली हवा से बचें
हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण सांस से फेफड़ों में, फेफड़ों से खून में, खून से पूरे शरीर में और फिर सभी अंगों में पहुंचकर नुकसान पहुंचाते हैं। इससे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. प्रदूषण से फेफड़ों, आंखों और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है.
एलर्जी का सबसे बढ़िया इलाज
जिन लोगों को एलर्जी की समस्या है, उन्हें 100 ग्राम बादाम, 20 ग्राम काली मिर्च और 50 ग्राम चीनी मिलानी चाहिए. अब इस पाउडर का 1 चम्मच 1 गिलास दूध में डालकर उबालें. इस दूध को दिन में कम से कम एक बार पिएं.
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फेफड़ों को स्वस्थ बनाने का अचूक उपाय
सर्दी, प्रदूषण और कोहरे के तिहरे हमले से निपटने के लिए रोजाना दूध में कच्ची हल्दी पकाकर पिएं. इस दूध में थोड़ा सा शिलाजीत भी मिला लें. इस दूध को पीने से फेफड़े स्वस्थ रहेंगे और आप सर्दियों में स्वस्थ रहेंगे. इसके अलावा बेसन की रोटी, मुलेठी और भुने चने जरूर खाएं. फेफड़े मजबूत होंगे प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है. फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए श्वासारि क्वाथ पिएं.
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इसके अलावा आप मुलेठी को उबालकर पी सकते हैं. रोजाना मसाला चाय पीना भी फायदेमंद रहेगा. गले की एलर्जी से राहत पाने के उपाय जिन लोगों को गले की एलर्जी की समस्या है उन्हें नमक के पानी से गरारे करने चाहिए. इसके अलावा बादाम के तेल से नस्यम करें. मुलेठी खाने से गले को आराम मिलता है और एलर्जी की समस्या दूर होती है. इसके अलावा सोते समय तलवों पर गर्म सरसों का तेल लगाएं, इससे आराम मिलेगा. साथ ही नाभि में सरसों का तेल डालें. नाक में सरसों का तेल डालने से भी आराम मिलेगा.
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ये भी पढ़ें: Skin Cancer : मुफ्त में मिल रही सूरज की रोशनी यानी धूप को अगर यूं ही बिना मतलब ले रहे हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि इससे स्किन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. जी हां, धूप सेहत के लिए जितना फायदेमंद है, उतना ही हानिकारक भी है. सनलाइट में बैठने से जहां विटामिन-डी शरीर को मिलता है.
इससे हड्डियां मजबूत होती है और सेहत को कई फायदे मिलते हैं. वहीं, तेज धूप स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है. ज्यादा तेज धूप में बैठने से स्किन कैंसर हो सकता है. हॉलीवुड एक्टर जेसन चेम्बर्स (Jason Chambers) में स्किन कैंसर का खुलासा होने के बाद एक बार फिर धूप और स्किन कैंसर को लेकर चर्चा बढ़ गई है.
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हॉलीवुड एक्टर को स्किन कैंसर
जेसन चेम्बर्स ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर बताया कि उन्हें एक तरह का स्किन कैंसर हो गया है. उन्होंने लिखा- 'मैं एक ऐसा इंसान हूं, जिसने पूरी ज़िंदगी धूप में बिताया. बचपन में धूप में खलता और समुद्र में काम करता था. मुझे कभी पता ही नहीं चला कि मेरे ऊपर आ रही सूरज की किरणें किसी तरह का नुकसान पहुंचा सकती हैं. मुझे धूप में रहना पसंद है, क्योंकि मैं सेहत के लिए इसके फायदे (Sunlight Benefits) जानता हूं. लेकिन हर चीज की एक लिमिट होती है, धूप लेने में भी संतुलन रखना चाहिए. वरना ये स्किन कैंसर का कारण बन सकता है.'
स्किन पर दिखने लगा था लक्षण
जेसन चेम्बर्स ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी स्किन पर एक धब्बा नजर आया, जिसे मामूली समझकर उन्होंने इग्नोर कर दिया लेकिन 6 महीने बाद यही धब्बा स्किन कैंसर (Skin Cancer) में बदल गया. अब डॉक्टरों ने उन्हें जल्द से जल्द इसका इलाज कराने को कहा है. एक्टर की बायोप्सी (Biopsy) हुई है और वह अपनी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. जेसन चेम्बर्स ने अपने फैंस से सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जो गलती उन्होंने कि, उसे लोग न करें. अच्छे और केमिकल-फ्री सनस्क्रिन का इस्तेमाल करें, ताकि धूप के नुकसान से बच सकें.
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धूप से स्किन कैंसर का खतरा कैसे
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब कोई सूरज की अल्ट्रावॉयलेट (UV) किरणों के संपर्क में आता है, तब स्किन की सेल्स को गंभीर तरह से नुकसान पहुंचता है, इससे स्किन कैंसर का खतरा बढ़ता है. स्किन कैंसर कई तरह के होते हैं. इनमें बेसल सेल कार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और मेलेनोमा स्किन कैंसर की चपेट में सबसे ज्यादा लोग आते हैं. बेसल सेल कार्सिनोमा धूप में रहने से चेहरे, हाथ और गर्दन पर भी हो सकता है. वहीं, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा कान, होंठ और हाथ में हो सकता है. ऐसे में हर मौसम में धूप से अपनी स्किन की सुरक्षा करनी चाहिए. ज्यादा तेज धूप में जाने से बचना चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: Skin Cancer : मुफ्त में मिल रही सूरज की रोशनी यानी धूप को अगर यूं ही बिना मतलब ले रहे हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि इससे स्किन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. जी हां, धूप सेहत के लिए जितना फायदेमंद है, उतना ही हानिकारक भी है. सनलाइट में बैठने से जहां विटामिन-डी शरीर को मिलता है.
इससे हड्डियां मजबूत होती है और सेहत को कई फायदे मिलते हैं. वहीं, तेज धूप स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है. ज्यादा तेज धूप में बैठने से स्किन कैंसर हो सकता है. हॉलीवुड एक्टर जेसन चेम्बर्स (Jason Chambers) में स्किन कैंसर का खुलासा होने के बाद एक बार फिर धूप और स्किन कैंसर को लेकर चर्चा बढ़ गई है.
यह भी पढ़ें: सावधान ! बिल्लियां तेजी से फैला सकती हैं Bird Flu, रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा
हॉलीवुड एक्टर को स्किन कैंसर
जेसन चेम्बर्स ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर बताया कि उन्हें एक तरह का स्किन कैंसर हो गया है. उन्होंने लिखा- 'मैं एक ऐसा इंसान हूं, जिसने पूरी ज़िंदगी धूप में बिताया. बचपन में धूप में खलता और समुद्र में काम करता था. मुझे कभी पता ही नहीं चला कि मेरे ऊपर आ रही सूरज की किरणें किसी तरह का नुकसान पहुंचा सकती हैं. मुझे धूप में रहना पसंद है, क्योंकि मैं सेहत के लिए इसके फायदे (Sunlight Benefits) जानता हूं. लेकिन हर चीज की एक लिमिट होती है, धूप लेने में भी संतुलन रखना चाहिए. वरना ये स्किन कैंसर का कारण बन सकता है.'
स्किन पर दिखने लगा था लक्षण
जेसन चेम्बर्स ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी स्किन पर एक धब्बा नजर आया, जिसे मामूली समझकर उन्होंने इग्नोर कर दिया लेकिन 6 महीने बाद यही धब्बा स्किन कैंसर (Skin Cancer) में बदल गया. अब डॉक्टरों ने उन्हें जल्द से जल्द इसका इलाज कराने को कहा है. एक्टर की बायोप्सी (Biopsy) हुई है और वह अपनी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. जेसन चेम्बर्स ने अपने फैंस से सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जो गलती उन्होंने कि, उसे लोग न करें. अच्छे और केमिकल-फ्री सनस्क्रिन का इस्तेमाल करें, ताकि धूप के नुकसान से बच सकें.
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स्किन पर दिखने लगा था लक्षण
जेसन चेम्बर्स ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी स्किन पर एक धब्बा नजर आया, जिसे मामूली समझकर उन्होंने इग्नोर कर दिया लेकिन 6 महीने बाद यही धब्बा स्किन कैंसर (Skin Cancer) में बदल गया. अब डॉक्टरों ने उन्हें जल्द से जल्द इसका इलाज कराने को कहा है. एक्टर की बायोप्सी (Biopsy) हुई है और वह अपनी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. जेसन चेम्बर्स ने अपने फैंस से सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जो गलती उन्होंने कि, उसे लोग न करें. अच्छे और केमिकल-फ्री सनस्क्रिन का इस्तेमाल करें, ताकि धूप के नुकसान से बच सकें.
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धूप से स्किन कैंसर का खतरा कैसे
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब कोई सूरज की अल्ट्रावॉयलेट (UV) किरणों के संपर्क में आता है, तब स्किन की सेल्स को गंभीर तरह से नुकसान पहुंचता है, इससे स्किन कैंसर का खतरा बढ़ता है. स्किन कैंसर कई तरह के होते हैं. इनमें बेसल सेल कार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और मेलेनोमा स्किन कैंसर की चपेट में सबसे ज्यादा लोग आते हैं. बेसल सेल कार्सिनोमा धूप में रहने से चेहरे, हाथ और गर्दन पर भी हो सकता है. वहीं, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा कान, होंठ और हाथ में हो सकता है. ऐसे में हर मौसम में धूप से अपनी स्किन की सुरक्षा करनी चाहिए. ज्यादा तेज धूप में जाने से बचना चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: Skin Cancer : मुफ्त में मिल रही सूरज की रोशनी यानी धूप को अगर यूं ही बिना मतलब ले रहे हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि इससे स्किन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. जी हां, धूप सेहत के लिए जितना फायदेमंद है, उतना ही हानिकारक भी है. सनलाइट में बैठने से जहां विटामिन-डी शरीर को मिलता है.
इससे हड्डियां मजबूत होती है और सेहत को कई फायदे मिलते हैं. वहीं, तेज धूप स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है. ज्यादा तेज धूप में बैठने से स्किन कैंसर हो सकता है. हॉलीवुड एक्टर जेसन चेम्बर्स (Jason Chambers) में स्किन कैंसर का खुलासा होने के बाद एक बार फिर धूप और स्किन कैंसर को लेकर चर्चा बढ़ गई है.
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हॉलीवुड एक्टर को स्किन कैंसर
जेसन चेम्बर्स ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर बताया कि उन्हें एक तरह का स्किन कैंसर हो गया है. उन्होंने लिखा- 'मैं एक ऐसा इंसान हूं, जिसने पूरी ज़िंदगी धूप में बिताया. बचपन में धूप में खलता और समुद्र में काम करता था. मुझे कभी पता ही नहीं चला कि मेरे ऊपर आ रही सूरज की किरणें किसी तरह का नुकसान पहुंचा सकती हैं. मुझे धूप में रहना पसंद है, क्योंकि मैं सेहत के लिए इसके फायदे (Sunlight Benefits) जानता हूं. लेकिन हर चीज की एक लिमिट होती है, धूप लेने में भी संतुलन रखना चाहिए. वरना ये स्किन कैंसर का कारण बन सकता है.'
स्किन पर दिखने लगा था लक्षण
जेसन चेम्बर्स ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी स्किन पर एक धब्बा नजर आया, जिसे मामूली समझकर उन्होंने इग्नोर कर दिया लेकिन 6 महीने बाद यही धब्बा स्किन कैंसर (Skin Cancer) में बदल गया. अब डॉक्टरों ने उन्हें जल्द से जल्द इसका इलाज कराने को कहा है. एक्टर की बायोप्सी (Biopsy) हुई है और वह अपनी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. जेसन चेम्बर्स ने अपने फैंस से सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जो गलती उन्होंने कि, उसे लोग न करें. अच्छे और केमिकल-फ्री सनस्क्रिन का इस्तेमाल करें, ताकि धूप के नुकसान से बच सकें.
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धूप से स्किन कैंसर का खतरा कैसे
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब कोई सूरज की अल्ट्रावॉयलेट (UV) किरणों के संपर्क में आता है, तब स्किन की सेल्स को गंभीर तरह से नुकसान पहुंचता है, इससे स्किन कैंसर का खतरा बढ़ता है. स्किन कैंसर कई तरह के होते हैं. इनमें बेसल सेल कार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और मेलेनोमा स्किन कैंसर की चपेट में सबसे ज्यादा लोग आते हैं. बेसल सेल कार्सिनोमा धूप में रहने से चेहरे, हाथ और गर्दन पर भी हो सकता है. वहीं, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा कान, होंठ और हाथ में हो सकता है. ऐसे में हर मौसम में धूप से अपनी स्किन की सुरक्षा करनी चाहिए. ज्यादा तेज धूप में जाने से बचना चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: अगर आपके किचन और सिंक में रातभर गंदे बर्तन पड़े रहते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि इससे खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. गंदे बर्तनों को लंबे समय तक बिना धुले छोड़ने से बर्तनों में बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं जो धोने के बाद भी साफ नहीं होते. खैर, 'गंदे बर्तन' जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं. क्या आपके घर में भी सुबह-सुबह गंदे बर्तन ठंड की वजह से धुल रहे हैं? अगर हां, तो सावधान हो जाइए!
किचन में देर तक गंदे बर्तन रहने से बैक्टीरिया का खतरा बढ़ता है
किचन में लंबे समय तक रखे गंदे बर्तनों पर साल्मोनेला, लिस्टेरिया और ई-कोली बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जो बर्तन साफ होने के बाद भी खत्म नहीं होते. नतीजा ये होता है कि जब ऐसे बर्तनों में खाना परोसा जाता है. तो ये खाने के जरिए पेट में प्रवेश कर जाते हैं. इनके नाम जितने अजीब लगते हैं. इनका काम भी उतना ही खतरनाक है. जो लोग पहले से बीमार हैं, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है या जो महिलाएं मां बनने वाली हैं. वो इन बैक्टीरिया के हमले से बीमार पड़ जाती हैं. उल्टी, पेट दर्द, डायरिया और अपच ये सब इसी की वजह से होने वाली समस्याएं हैं. स्थिति गंभीर होने पर गर्भपात और किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
किचन, बर्तन और सिंक को साफ रखने में आलस्य न करें. क्योंकि आपके आलस के कारण मामला गंभीर हो सकता है. इतना ही नहीं, यह भी समझें. फ्रिज में लंबे समय तक रखे खाद्य पदार्थ भी बीमारी की जड़ हैं. अगर बात किचन और किडनी की हो रही है, तो सिर्फ स्टोरेज का तरीका ही नहीं . सर्दियों में गलत खान-पान भी हमें बीमार कर रहा है. ज्यादा नमक और ज्यादा चीनी भी किडनी को बीमार कर रही है. इससे हाई बीपी और शुगर की समस्या शुरू हो जाती है. अगर बीपी हाई है तो किडनी बीमार है, अगर खून में ग्लूकोज ज्यादा है तो किडनी के बारीक फिल्टर खराब होने लगते हैं. नतीजा किडनी फेलियर होता है . में स्वामी रामदेव से जानिए किडनी को कैसे स्वस्थ रखें. बैक्टीरिया का खतरा
कमजोर इम्युनिटी
उल्टी और पेट दर्द
डायरिया की समस्या
किडनी फेल होने का खतरा
गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा
किडनी पर असर
क्रिएटिनिन का उच्च स्तर
किडनी स्टोन
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यूटीआई संक्रमण
पॉलीसिस्टिक किडनी
प्रोटीन लीकेज
किडनी के दो दुश्म
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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किचन में देर तक गंदे बर्तन रहने से बैक्टीरिया का खतरा बढ़ता है
किचन में लंबे समय तक रखे गंदे बर्तनों पर साल्मोनेला, लिस्टेरिया और ई-कोली बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जो बर्तन साफ होने के बाद भी खत्म नहीं होते. नतीजा ये होता है कि जब ऐसे बर्तनों में खाना परोसा जाता है. तो ये खाने के जरिए पेट में प्रवेश कर जाते हैं. इनके नाम जितने अजीब लगते हैं. इनका काम भी उतना ही खतरनाक है. जो लोग पहले से बीमार हैं, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है या जो महिलाएं मां बनने वाली हैं. वो इन बैक्टीरिया के हमले से बीमार पड़ जाती हैं. उल्टी, पेट दर्द, डायरिया और अपच ये सब इसी की वजह से होने वाली समस्याएं हैं. स्थिति गंभीर होने पर गर्भपात और किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
किचन, बर्तन और सिंक को साफ रखने में आलस्य न करें. क्योंकि आपके आलस के कारण मामला गंभीर हो सकता है. इतना ही नहीं, यह भी समझें. फ्रिज में लंबे समय तक रखे खाद्य पदार्थ भी बीमारी की जड़ हैं. अगर बात किचन और किडनी की हो रही है, तो सिर्फ स्टोरेज का तरीका ही नहीं . सर्दियों में गलत खान-पान भी हमें बीमार कर रहा है. ज्यादा नमक और ज्यादा चीनी भी किडनी को बीमार कर रही है. इससे हाई बीपी और शुगर की समस्या शुरू हो जाती है. अगर बीपी हाई है तो किडनी बीमार है, अगर खून में ग्लूकोज ज्यादा है तो किडनी के बारीक फिल्टर खराब होने लगते हैं. नतीजा किडनी फेलियर होता है . में स्वामी रामदेव से जानिए किडनी को कैसे स्वस्थ रखें. बैक्टीरिया का खतरा
कमजोर इम्युनिटी
उल्टी और पेट दर्द
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किडनी फेल होने का खतरा
गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा
किडनी पर असर
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किचन में देर तक गंदे बर्तन रहने से बैक्टीरिया का खतरा बढ़ता है
किचन में लंबे समय तक रखे गंदे बर्तनों पर साल्मोनेला, लिस्टेरिया और ई-कोली बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जो बर्तन साफ होने के बाद भी खत्म नहीं होते. नतीजा ये होता है कि जब ऐसे बर्तनों में खाना परोसा जाता है. तो ये खाने के जरिए पेट में प्रवेश कर जाते हैं. इनके नाम जितने अजीब लगते हैं. इनका काम भी उतना ही खतरनाक है. जो लोग पहले से बीमार हैं, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है या जो महिलाएं मां बनने वाली हैं. वो इन बैक्टीरिया के हमले से बीमार पड़ जाती हैं. उल्टी, पेट दर्द, डायरिया और अपच ये सब इसी की वजह से होने वाली समस्याएं हैं. स्थिति गंभीर होने पर गर्भपात और किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
किचन, बर्तन और सिंक को साफ रखने में आलस्य न करें. क्योंकि आपके आलस के कारण मामला गंभीर हो सकता है. इतना ही नहीं, यह भी समझें. फ्रिज में लंबे समय तक रखे खाद्य पदार्थ भी बीमारी की जड़ हैं. अगर बात किचन और किडनी की हो रही है, तो सिर्फ स्टोरेज का तरीका ही नहीं . सर्दियों में गलत खान-पान भी हमें बीमार कर रहा है. ज्यादा नमक और ज्यादा चीनी भी किडनी को बीमार कर रही है. इससे हाई बीपी और शुगर की समस्या शुरू हो जाती है. अगर बीपी हाई है तो किडनी बीमार है, अगर खून में ग्लूकोज ज्यादा है तो किडनी के बारीक फिल्टर खराब होने लगते हैं. नतीजा किडनी फेलियर होता है . में स्वामी रामदेव से जानिए किडनी को कैसे स्वस्थ रखें. बैक्टीरिया का खतरा
कमजोर इम्युनिटी
उल्टी और पेट दर्द
डायरिया की समस्या
किडनी फेल होने का खतरा
गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा
किडनी पर असर
क्रिएटिनिन का उच्च स्तर
किडनी स्टोन
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यूटीआई संक्रमण
पॉलीसिस्टिक किडनी
प्रोटीन लीकेज
किडनी के दो दुश्म
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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किचन में देर तक गंदे बर्तन रहने से बैक्टीरिया का खतरा बढ़ता है
किचन में लंबे समय तक रखे गंदे बर्तनों पर साल्मोनेला, लिस्टेरिया और ई-कोली बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जो बर्तन साफ होने के बाद भी खत्म नहीं होते. नतीजा ये होता है कि जब ऐसे बर्तनों में खाना परोसा जाता है. तो ये खाने के जरिए पेट में प्रवेश कर जाते हैं. इनके नाम जितने अजीब लगते हैं. इनका काम भी उतना ही खतरनाक है. जो लोग पहले से बीमार हैं, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है या जो महिलाएं मां बनने वाली हैं. वो इन बैक्टीरिया के हमले से बीमार पड़ जाती हैं. उल्टी, पेट दर्द, डायरिया और अपच ये सब इसी की वजह से होने वाली समस्याएं हैं. स्थिति गंभीर होने पर गर्भपात और किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
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DInga Dinga Mysterious Disease : देश दुनिया में अजीबोगरीब बीमारियां और वायरस फैल रहे हैं, खासकर कोरोना महामारी (Covid-19) के साथ ही कुछ ऐसे वायरस सामने आए हैं जिसने लोगों को हिला कर रख दिया. कुछ इसी तरह से अफ्रीका के युगांडा में ऐसी बीमारी सामने आई है, जिसमें लोग नाचना और हिलना शुरू कर देते हैं.
दरअसल, यह बीमारी (dinga dinga) मुख्य रूप से युगांडा (Uganda) के बुंदीबुग्यो जिलों की महिलाओं और लड़कियों को प्रभावित कर रही है, जिससे उनके शरीर में कंपन होती है, उन्हें चलने में कठिनाई होती है और शरीर जोर-जोर से हिलने लगता है, ये ऐसा लगता है जैसे यह महिलाएं डांस कर रही हैं.